आखिर क्यों जरूरी है मनोरंजन (Entertainment) हमारे जीवन में? जानिए मनोरंजन के साधन और उनके नुकसान

Manoranjan Ke Adhunik Sadhan

दोस्तों, मनोरंजन एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही हमारे अंदर एक अलग सी भावना आ जाती है जैसे मानो कोई एक दम ख़ुशी सी आ जाती है हमारे चेहरे पर। इसका एक बहुत ही सरल सा कारण है की आजकल हमारी ज़िंदगी इतनी भागदौड़ भरी और व्यस्त हो गई है की आज हमारे पास किसी अन्य के लिए तो क्या अपने ख़ुद के लिए ही समय नहीं है। जी हाँ, जैसे हमें अगर अपने लिए कुछ सामान खरीदना है या फिर कुछ अच्छा खाना-पीना है तो हम काम की वजह से उसकी तरफ बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं देते और बस यही सोचते हैं की पहले काम हो जाए फिर देखते हैं।

इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी (Fast Life) में हम सब कई बार तो इतने परेशान हो जाते हैं की अपने दोस्तों और परिवार वालों से भी अच्छे से बात नहीं कर पाते और बिना वजह ही उनसे झगड़ा कर बैठते हैं। दोस्तों, काम में मन लगाना और अधिक काम करना अच्छी बात है लेकिन इसके साथ-साथ हमें अपने बाकी के उत्तरदायित्व (Responsibilities) भी निभाने होते हैं।

मनोरंजन (Manoranjan) हमारे जीवन में एक बहुत ही अहम् भूमिका निभाता है। जब हम भागदौड़ करके एक दम थक जाते हैं तो हमारे अंदर एक बार फिर से ऊर्जा भरता है। फिर से सोचने और काम करने की शक्ति प्रदान करता है। किसी भी तरह का अच्छा मनोरंजन हमारे अंदर नया उत्साह पैदा करता है। मनोरंजन अगर हमारे जीवन में ना हो तो हम एक ना एक दिन काम करना भी बंद कर देंगे क्योंकि लगातार एक ही काम करते रहने से हम उससे बहुत जल्दी दूर होने लगते हैं।

ऐसे तो आज मनोरंजन के हमारे पास कई साधन उपलब्ध हैं और यहाँ पर हम उनमें से कुछ लोकप्रिय साधनों का वर्णन करेंगे तो आइए जानते हैं-

मनोरंजन के लोकप्रिय साधन – Manoranjan Ke Adhunik Sadhan – Source of Entertainment


सिनेमा देखना (Cinema)

सिनेमा एक बहुत ही लोकप्रिय मनोरंजन का साधन (Manoranjan Ke Sadhan) है और यह काफी वर्षों से चला आ रहा है। सिनेमा समाज का आईना भी है। हम जब कभी भी बहुत थका हुआ महसूस करते हैं तो बाहर जा कर सिनेमा देखना पसंद करते हैं क्योंकि कहीं ना कहीं हम इसको अपने निजी जीवन के साथ जोड़ कर देखते हैं और साथ ही साथ हमें यहाँ से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।

टीवी देखना (Television)

आजकल टीवी इतना लोकप्रिय साधन हो गया है मनोरंजन का जिसको देखो वह टीवी देखने में व्यस्त है फिर चाहे वह बच्चा हो या कोई बुज़ुर्ग। महिलाएं भी टीवी देखना बहुत पसंद करती हैं क्योंकि आजकल टीवी में बहुत सारे नाटक और रियलिटी शोज (Serial and Reality Shows) आ रहे हैं। पूरे दिन की थकान वह टीवी के सामने बैठ कर ही दूर करते हैं और हमारे बुज़ुर्ग लोग भी समाचार देखना पसंद करते हैं। बच्चों का हाल तो आप जानते ही हैं उन्हें तो बस टीवी में कार्टून (Cartoon) देखना ही पसंद हैं।

अखबार और पत्रिकाएं पढ़ना (Newspaper and Magazine)

अखबार (Akhbaar) भी एक बहुत पुराना साधन है। आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो जब तक पूरे दिन में अखबार ना पढ़ लें तब तक उनको कुछ अच्छा नहीं लगता। यहाँ तक की कई लोगों की तो सुबह का मतलब ही है अखबार पढ़ना फिर चाहे वह कितने ही व्यस्त क्यों ना हों। अब तो बहुत सी पत्रिकाएं भी हैं बाज़ार में जिनको मनोरंजन और ज्ञान के लिए पढ़ा जाता है।

सुबह की सैर करना (Morning Walk)

जी हाँ दोस्तों, यह एक दम सही बात है की सुबह की सैर करना सेहत के लिए तो बहुत अच्छी है ही लेकिन इसके साथ ही यह एक मनोरंजन का साधन भी है क्योंकि जब हम सुबह सैर करने जाते हैं तब हमें वहां अपने दोस्त या कोई जानने वाले मिलते हैं जिनसे बात करके बहुत अच्छा लगता है और फिर अगर किसी दिन किसी कारण से अगर हम नहीं जा पाते तो ऐसा लगता है जैसे आज कुछ किया ही नहीं।

किसी भी तरह की खेलकूद करना (Sports Activities)

खेल भी मनोरंजन का ही एक अहम् हिस्सा है। खेल (Khel) किसी भी तरह का हो चाहे क्रिकेट (Cricket), फूटबाल (Football), बैडमिंटन (Badminton) या फिर कोई अन्य जब हम अपने मित्रों के साथ मिलकर खेलते हैं तब हम हर चिंता को भूल जाते हैं और बस सिर्फ हमें उस समय खेलने में ही रूचि होती है। खेलना कूदना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही लाभकारी है।

कहीं पर घूमना फिरना (Travel)

जब हम बहुत अधिक काम करके थक जाते हैं और एक जगह पर रह कर थोड़ा सा बोर हो जाते हैं तब मनोरंजन के लिए अपने परिवार या मित्रों के साथ कहीं बाहर घूमना भी एक बहुत अच्छा साधन है। आप कहीं भी अच्छी जगह घूमने जा सकते हैं जैसे कि हिमाचल की वादियों में जाकर प्राकृतिक दृश्य देखना, नाँव में बैठ कर सैर करना, चिड़िया घर, सर्कस देखना, राजस्थान, आगरा या फिर जहाँ पर भी आप जाना चाहें।

संगीत का आनंद लेना (Music)

कई बार जब हम खुद को बहुत ही अकेला महसूस करते हैं या फिर अपनी किसी सोच में होते हैं तो संगीत एक बहुत ही खूबसूरत माध्यम है मनोरंजन का। अच्छा संगीत सुनने से हमारे मन को बहुत ही शांति मिलती है और सुकून मिलता है। कई बार तो काम करने के साथ-साथ ही संगीत सुनना बहुत अच्छा लगता है।

मनोरंजन के नुकसान – Manoranjan Ke Nuksan – Side Effects of Entertainment


कुछ साधन ऐसे भी हैं जिनको हम अपने मनोरंजन के लिए इस्तेमाल तो करते हैं परन्तु यह नहीं जान पाते की इनसे हमें क्या नुकसान हो रहा है। ऐसे ही कुछ साधन यहाँ पर बताने की कोशिश की है जैसे कि-

जुआ खेलना
मद्यपान करना
ख़तरनाक नशों का सेवन
किसी भी प्रकार की चोरी या लूटपाट

आदि मनोरंजन के हानिकारक साधन (Manoranjan Ke Hanikarak Sadhan) हैं। दोस्तों, मनोरंजन करना अच्छी बात है मगर इसके लिए किसी भी तरह के गलत रास्ते का चुनाव करना ठीक नहीं है हमारे लिए, हमारे परिवार के लिए और समाज के लिए भी। कभी-कभी हम ऐसी संगति का शिकार हो जाते हैं जहाँ पर हम कई प्रकार के खतरनाक नशों या बुरी आदतों में पड़ जाते हैं और इसी को अपने मनोरंजन का साधन समझने लगते हैं। मनोरंजन के ऐसे साधनों से जीवन को कोई भी लाभ या नई ऊर्जा नहीं मिलती, बल्कि जीवन और हमारे शरीर की रही-सही शक्ति भी समाप्त हो जाती है और हम हर रोज़ मानसिक और शारीरिक रूप से दुर्बल होते जाते हैं। इसलिए मनोरंजन के ऐसे साधनों से हमें दूर रहना चाहिए।

मुझे पूरी उम्मीद है की इसे पढ़ने के बाद हम सब अपना अपना ध्यान रखेंगे और अपने सभी साथियों को भी इसका पालन करने के लिए कहेंगे। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप देखना की कुछ समय के बाद आपको बहुत ही अच्छा एहसास होगा। आप समाज के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएंगे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!