ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) का पालन क्यों करना चाहिए? ट्रैफिक नियमों की जानकारी

Traffic Niyamo Ka Palan Kare

प्यारे दोस्तों, आइए बात करते हैं हमारे ट्रैफिक नियमों की और जानते हैं कि हमें इन नियमों का पालन क्यों करना चाहिए?

आज हम सबका जीवन इतना व्यस्त है कि हमारे पास बिल्कुल भी समय नहीं है आराम से बैठने और रुकने का और जब जीवन इतना व्यस्त है तो ज़ाहिर है हमें एक जगह से दूसरी जगह भी जाना पड़ता है और समय की कमी को देखते हुए हमारे पास आज इस आधुनिक समय में तेज़ रफ़्तार से चलने के लिए बहुत ही अच्छे वाहन उपलब्ध हैं। इनमें दो पहिया (Two Wheeler), तीन पहिया (Three Wheeler) और चार पहिया वाहन (Four Wheeler Vehicle) शामिल हैं जिनका अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीँ अगर हम कुछ समय पहले की बात करें तो इन वाहनों की जगह सभी घोड़ा गाड़ी या फिर साइकिल का इस्तेमाल किया करते थे।

किसी भी वाहन को चलाने के लिए भारत सरकार द्धारा कुछ ज़रूरी नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना सभी के लिए अति आवश्यक है। इन नियमों के साथ-साथ कुछ ज़रूरी कागज़ भी हमें गाड़ी चलते समय अपने साथ रखने होते हैं। तो आइए सबसे पहले जानते हैं उन ज़रूरी कागज़ों के बारे में-

वाहन चलाने के लिए ज़रूरी कागज़ – Vahan Chalane Ke Liye Jaruri Kagaz – Important Documents For Driving


1) रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (Registration Certificate)
2) ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence)
3) पोल्लुशन सर्टिफिकेट (Pollution Certificate)
4) इन्शुरन्स ऑफ़ व्हीकल (Insurance of Vehicle)

ट्रैफिक और यातायात के लिए कुछ ज़रूरी नियम – Traffic Aur Yatayat Niyamo Ka Palan Kare – Important Traffic Rules For Driving


  • हेलमेट (Helmet)

दो पहिया वाहन चलाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है हेलमेट का होना। जिसे हमें अपने सर पर पहनते हैं और यह आगे और पीछे बैठने वाले दोनों व्यक्तियों के ज़रूरी होता है। हेलमेट पहनने कि वजह है किसी दुर्घटना में हमारे सर और मुँह (Head and Mouth) को सुरक्षित रखना क्योंकि यहाँ पर लगी चोट घातक हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता और वाहन चलाता हुआ पाया जाता है तो यह कानूनी अपराध है और इसकी वजह से आपका चालान भी हो सकता है।

  • सीट बेल्ट (Seat Belt)

चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करना अति आवश्यक है। ड्राइवर और ड्राइवर के साथ वाली सीट पर बैठे व्यक्ति द्धारा सीट बेल्ट का उपयोग कानूनन ज़रूरी है। ऐसा करने से किसी दुर्घटना के समय में चार पहिया वाहन में आगे बैठे दोनों व्यक्ति काफी हद तक अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि दुर्घटना के समय आगे बैठने वाले व्यक्तिओं को घातक चोट लगने का ख़तरा रहता है।

  • हेड लाइट (Head Light)

रात के समय ड्राइविंग करने के लिए किसी भी प्रकार के वाहन में हेड लाइट होती है और यह दो प्रकार से जलती है। लो बीम (Low Beam) और हाई बीम (High Beam) कोई भी वाहन चलाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है कि हमारी गाड़ी कि हेड लाइट हमेशा लो बीम ही रहे। क्योंकि हाई बीम लाइट रखने से सामने से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को रात के समय में आँखों में रोशनी पड़ने कि वजह से परेशानी हो सकती है और वह एक दुर्घटना का कारण बन सकता है।

  • नंबर प्लेट (Number Plate)

हर प्रकार के वाहन का अपना एक रजिस्ट्रेशन नंबर (Registration Number) होता है और इस नंबर का गाड़ी के आगे और पीछे दोनों तरफ लिखा होना अनिवार्य होता है जिसे हम नंबर प्लेट कहते हैं। यह किसी भी वाहन कि पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि हमारे वाहन कि नंबर प्लेट टूटी हुई है, या कोई नंबर है जो सही से दिखाई नहीं दे रहा है या फिर कई बार तो यह देखने को मिलता है कि किसी वाहन कि नंबर प्लेट है ही नहीं तो ऐसा होना भी कानूनी अपराध है। हमारे किसी भी वाहन की नंबर प्लेट एक दम सही होना बहुत ही आवशयक है।

  • ट्रैफिक लाइट्स (Traffic Lights)

ट्रैफिक लाइट्स यातायात को निंयत्रित करने का सबसे सरल और कामयाब तरीका है। जिससे सभी को यह निर्देश मिलता है की कब किसको चलना है और कब किसको रुकना है। ट्रैफिक लाइट्स तीन तरह की मतलब तीन रंग की होती हैं और इनका मतलब यह होता है-

  1. रेड लाइट (Red Light) – स्टॉप यानि की रुकना।
  2. येलो लाइट (Yellow Light) – रुकने के लिए तैयार हो जाएं।
  3. ग्रीन लाइट (Green Light) – अब चलें लेकिन सावधानी से दाएं और बाएं देखकर।

ट्रैफिक लाइट्स की उल्लंघना करना भी कानूनी अपराध तो है ही साथ ही साथ यह किसी दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण भी होता है। क्योंकि भारत में लगातार एक्सीडेंट्स (Accidents) की घटनाएं बढ़ रही हैं। यदि हम ट्रैफिक लाइट्स का उल्लंघन करते हैं तो ऐसा करने से हम अपने साथ साथ दूसरों के जीवन को भी ख़तरे में डालते हैं। इसलिए हमें सदा ही इसका पालन करना चाहिए और बच्चों को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए।

  • ओवर टेकिंग (Over Taking)

ओवर टेकिंग का मतलब है कि गाड़ी चलाते समय अपने से आगे जा रही गाड़ी से आगे निकलना। वैसे तो ओवर टेक करना ही नहीं चाहिए परन्तु यदि करना भी है तो हमेशा राइट हैंड साइड (Right Hand Side) से करना चाहिए। गलत जगह से ओवर टेक करना भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। आजकल इतनी भागदौड़ के समय में जब किसी के पास समय नहीं है और सब यही सोचते हैं कि कहीं देर न हो जाए तो हमें याद रखना चाहिए कि

कभी न पहुँचने से, देर भली !

  • गति सीमा (Speed Limit)

भारत सरकार द्धारा किसी भी वाहन को चलाने की भिन्न भिन्न रास्तों पर अलग गति सीमा निर्धारित की गई है और प्रत्येक रास्ते पर यह लिख कर बताया गया है की कहाँ पर कितनी गति से गाड़ी चला सकते हैं। हमें सदैव ही गति सीमाओं का पालन करना चाहिए। निर्धारित की गई गति से अधिक गति में वाहन चलाने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

  • हॉर्न का इस्तेमाल (Use of Horn)

हॉर्न प्रत्येक वाहन में लगाया जाता है। हॉर्न लगाने का सही कारण यह है की जब आपको बहुत ज़्यादा ज़रूरत हो तब ही हॉर्न का इस्तेमाल करें अन्यथा न करें। जैसे अचानक से कोई आपके वाहन के आगे आ जाए तब आप उनको सुरक्षित करने के लिए हॉर्न बजा सकते हैं। आजकल ऐसे भी हॉर्न का इस्तेमाल किया जाता है जिनकी आवाज़ बहुत तेज़ और भयानक भी है जिसकी वजह से कोई घबरा सकता है और दुर्घटना हो सकती है। हालाँकि सरकार द्धारा ऐसे हॉर्न पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।

  • पैसेंजर्स लिमिट (Passengers Limit)

हमारे वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (Registration Certificate) में पैसेंजर्स लिमिट का विवरण दिया होता है। दो पहिया वाहन (Two Wheeler Vehicle) की पैसेंजर्स लिमिट केवल 2 है और चार पहिया वाहन की 5, 7, 10 या वाहन की क्षमता अनुसार इससे अधिक भी है। पैसेंजर्स लिमिट से अधिक व्यक्तियों को वाहन में बिठाना अपराध है। क्योंकि इससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ने की आशंका रहती है और दुर्घटना हो सकती है।

  • मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल (Use of Mobile Phone)

मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करना किसी भी सूरत में किसी भी वाहन में कानूनी अपराध है। यदि कोई भी ड्राइविंग करते समय फ़ोन पर बात करता पाया जाता है तो उस व्यक्ति को इसका भुगतान करना पड़ता है। यदि आप गाड़ी चला रहे हैं और उस समय किसी से मोबाइल पर बात करना बहुत ज़रूरी है तो आप कुछ समय के लिए वाहन को रोक कर बात कर सकते हैं। क्योंकि ड्राइविंग करते समय फ़ोन पर बात करना हमारे साथ साथ अन्य लोगों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।

  • ट्रैफिक चिन्ह या यातायात संकेत (Traffic Signs)

आपने देखा होगा ट्रैफिक चिन्ह या यातायात संकेत हर जगह यानि की अमूमन हर सड़क पर होते हैं और हमें इनके अनुसार ही चलना होता है। यदि हम इनका पालन नहीं करते हैं तो इसके लिए हम पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है और दुर्घटना का कारण भी हो सकता है।

दोस्तों, यहाँ आपको जितने भी ट्रैफिक के नियमों (Traffic Ke Niyam) के बारे में जानकारी दी गई है इनके साथ-साथ और भी बहुत सारे नियम हैं जिनका पालन करना हम सबके लिए अनिवार्य है। ट्रैफिक नियमों का पालन करें और ट्रैफिक नियमों की जानकारी रखें। वाहन चलाते समय कभी भी जल्दी नहीं करनी चाहिए और बहुत ही ध्यान से गाडी चलानी चाहिए। क्यूँकि, वो कहते हैं न

दुर्घटना से, देर भली!

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