सफल होने के लिए जानिए सफलता के 9 नियम – Rules of Success in Hindi

Rules of Success

प्यारे दोस्तों, कौन नहीं चाहता अपने जीवन में सफल होना? मेरे ख्याल से तो ऐसा कोई भी नहीं जो सफल ना होना चाहे। हर कोई अपने-अपने कार्य क्षेत्र में सफलता की ऊँचाइयों को छूना चाहता है। सफल होने के लिए हमें जी तोड़ मेहनत करनी होती है अर्थात हमें दिन रात एक करना होता है। गर्मी का मौसम हो या फिर सर्दी का हमें सिर्फ अपना लक्ष्य ही दिखाई देना चाहिए।

दोस्तों, हम में से बहुत से लोग बस यही सोचते रहते हैं कि किस प्रकार जीवन में सफल हुआ जाए अर्थात ऐसा क्या किया जाए जिससे की वह भी दूसरों की तरह सफल हो सकें। जिस प्रकार हर चीज़ के अपने कुछ नियम होते हैं ठीक उसी तरह से अपने जीवन में सफल होने के लिए मेहनत करने के साथ-साथ हमें सफलता के नियमों को भी ध्यान में रखना चाहिए। यदि हम सफलता के नियमों का पालन (Safalta Ke Niyamo Ka Palan) करते हैं तो हम जल्दी ही अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं अर्थात जीवन में सफलता के नियमों को अपना कर ही सफल हुआ जा सकता है। आज हम आपको यहाँ पर सफलता के 9 नियम (Safalta Ke 9 Niyam) बता रहें हैं जिनको आप अपने जीवन में अपना कर इससे लाभ उठा सकें और आप भी सफल हो सकें-

जीवन में सफलता के नियम – Safalta Ke Niyam – Rules of Success in Hindi


अपनी योग्यता को खोजें – Find Your Ability

सफल होने के लिए सर्वप्रथम हमें यह जानने की आवश्यकता होती है की आखिरकार वह कौन सी चीज़ है जिसमें हमें सबसे अधिक रूचि है या अगर कहें तो ऐसा कौन सा काम है जिसके लिए हमें लगता है की हम इस काम को बेहतर रूप से कर सकते हैं और अपना श्रेष्ठ दे सकते हैं। अपनी योग्यता खोजना इतना मुश्किल भी नहीं है बस हमेशा यह याद रखिए की जिस काम को करने में आपको सबसे अच्छा लगता है और आपको ख़ुशी मिलती है बस वही आपकी योग्यता है। दोस्तों, अपनी तुलना कभी भी किसी से मत करना, क्योंकि योग्यता सब में है और वो भी अलग-अलग।

अपना लक्ष्य निर्धारित करें – Set Your Goal

दोस्तों, हम अपने जीवन में बिना अपना लक्ष्य (Target – Goal) तय किए सफल नहीं हो सकते। हमारा लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए और फिर बड़े लक्ष्य को छोटे छोटे भागों में विभाजित कीजिए। इससे आपको लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता होगी। लक्ष्य निर्धारित किए बिना सफल होना बहुत ही कठिन है। अपने लक्ष्य (Lakshay) को आपको हर समय अपने दिमाग में रखना है फिर चाहे आप कुछ भी कर रहें हों। इसका एक बहुत ही सुन्दर उदाहरण आपको बताता हूँ-

फूटबाल (Football) के खेल के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। फूटबाल के मैच में ग्राउंड (Ground) के दोनों ओर एक-एक गोल पोस्ट (Goal Post) होता है। जहाँ पर खिलाडियों को मैच जितने के लिए बॉल को मारना होता है। अब सोचिए, अगर ग्राउंड में से दोनों गोल पोस्ट हटा दिए जाएं तो खिलाडी क्या करेंगे? वह कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनको पता ही नहीं होगा की आखिर बॉल को मारना कहाँ पर है। ठीक इसी तरह जीवन में लक्ष्य होना बहुत ही ज़रूरी है।

अपने लक्ष्य पर रोज़ काम करें – Work Daily On Your Goal

केवल लक्ष्य निर्धारित करना ही बहुत नहीं है। हमें उस पर रोज़ काम करना भी ज़रूरी है फिर चाहे भले ही हम रोज़ 1 या 2 घंटे ही काम क्युँ न करें लेकिन रोज़ अपने लक्ष्य पर काम करने का फायदा यह है की हम कभी लक्ष्य से अलग नहीं होंगे और अपने यह कहावत तो सुनी ही होगी की “बूँद-बूँद से ही घड़ा भरता है”। अपने लक्ष्य पर रोज़ काम करना ही सफलता का मूल मंत्र है।

धैर्य रखें – Be Patient

जी हाँ दोस्तों, सफलता के लिए धैर्य बहुत ही आवश्यक होता है। यदि हम यह सोचें की सफलता कोई 2 या 4 महीनों में या इससे भी जल्दी मिल जाएगी तो यह हमारी भूल हो सकती है। लगातार परिश्रम करते रहने से ही सफलता कदम चुमती है। जिन लोगों को हम आज सफल देखते हैं वह कोई एक रात में सफल नहीं हुए बल्कि एक लम्बे समय की मेहनत (Mehnat) होती है उनकी सफलता के पीछे।

याद रखना दोस्तों, आपका धैर्य ही आपको सफलता के नज़दीक लेकर जाता है अर्थात जिन्होंने भी धैर्य का दामन थाम कर रखा उन्होंने ही इतिहास बनाया है।

विनम्र और ईमानदार रहें – Be Polite & Honest

विनर्मता और ईमानदारी (Vinamrata Aur Imandari) भी सफलता के दो पहलु हैं। हम जिससे भी मिलें और बात करें तो बहुत ही प्यार और विनर्म हो कर करना चाहिए। चाहे भले ही सामने वाला गुस्से में बात कर रहा हो परन्तु आप हमेशा शांत रहें। आपने अक्सर ही देखा होगा की यदि आप भी किसी दुकान (Shop) पर किसी बात की शिकायत करने जाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से बोलते हैं फिर भी वह दुकानदार आपसे बहुत ही प्यार और विनर्म हो कर बात करता है।

अपने कार्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहें। झूठ का सहारा लेकर भले ही कोई जल्दी आगे निकल जाए परन्तु वह ज्यादा दूर तक नहीं जा सकता। ईमानदार व्यक्ति पर सब भरोसा करते हैं और सब जगह उसकी तारीफ होती है। हमारी ईमानदारी ही हमें मूल्यवान बनाती है।

बोलें कम और सुनें ज़्यादा – Talk Less & Listen More

जी हाँ दोस्तों, यह एक दम सत्य है की हमें उतना ही बोलना चाहिए जितना की ज़रूरी हो। ज़रूरत से ज़्यादा बोलने वाले को लोग सुनना पसंद नहीं करते हैं। वैसे भी कहा जाता है की हम वो बोलते हैं जिसका हमें ज्ञान होता है परन्तु हम वह सुनते हैं जिसका ज्ञान हमें नहीं होता अर्थात सुनने से हमारा ज्ञान और भी बढ़ता है। ज़्यादा अच्छे से सुनने का फायदा यह भी है की हम सामने वाले की बात का सही जवाब दे सकते हैं।

हमेशा सीखते रहिए – Learn Always

दोस्तों, सफलता का नियम (Safalta Ka Niyam) यह भी है की हमें कभी भी सीखना बंद नहीं करना चाहिए। जहाँ से भी हो और जैसे भी हो बस सीखते रहना चाहिए क्योंकि कौन सी बात हमारे जीवन में कहाँ पर काम आ जाएगी यह हम नहीं कह सकते हैं। अगर हमें यह लगे की हमें तो अब सब कुछ आ गया है और अब कुछ सीखना बाकी नहीं रह गया तो यह हमारी बहुत बड़ी ग़लती है क्योंकि सीखने की ना ही तो कोई उम्र होती है और ना ही कोई स्थान। यहाँ तक की कभी-कभी तो हमें किसी छोटे से बच्चे से भी बहुत कुछ सीखने को मिल जाता है।

कठोर परिश्रम – Hard Work

सफलता की कुंजी (Safalta Ki Kunji) कठोर परिश्रम को कहा जाता है। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमारे आगे चाहे कितनी भी बड़ी मुश्किलें आएं लेकिन हमें उनका सामना करना है और जिस समय आपका शरीर हिम्मत हार जाए और फिर भी आपका मन आपके लक्ष्य की ओर भागता रहे तब समझ लेना की अब मंज़िल दूर नहीं है। दोस्तों, पसीना बहाने वाले ही एक दिन महल खड़े किया करते हैं अर्थात मेहनत करने से कभी हमें डरना नहीं है।

कभी हार मत मानो – Never Give Up

दोस्तों, हमें कई बार ऐसा लगता है की अब हम थक गए हैं और हार गए हैं लेकिन ऐसे समय में खुद को कमज़ोर नहीं होने देने और लगातार काम करते रहने वालों को ही सफलता मिलती है। जीवन में कैसी भी परिस्थिति आए परन्तु अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी ज़िद्द ही हमें कामयाब बनाती है। ऐसा बहुत बार होगा की जब आपका दिल आपको रुकने को कहेगा और आपको लगेगा की बस कुछ बदलने वाला नहीं हैं तो बस समझ लेना की वही आपकी सफलता की शुरुआत है।

दोस्तों, कभी रुकना नहीं और थकना नहीं बस चलते रहो अपनी मंज़िल की ओर!

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